New income tax has been implemented now how much money saved on which salary

1 अप्रैल से नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो गया है. इस दिन से ही न्यू टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स रिजीम में बजट में हुए बदलाव लागू हो गए हैं. आपको बता दें 1 फरवरी को पेश किए गए आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक कमाने वालों का टैक्स शून्य कर दिया था.

वहीं इस बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम को ज्यों का त्यों रखा गया था. ऐसे में अब सवाल उठता है कि ओल्ड टैक्स रिजीम बेहतर है या न्यू टैक्स रिजीम. इसके साथ ही न्यू टैक्स रिजीम में किस तरीके से टैक्स बचाया जा सकता है और इसमें कुल कितना फायदा टैक्सपेयर को होने जा रहा है. अगर आप भी ये सब कुछ जानना चाहते हैं तो इसके बारे में हम यहां विस्तार से बता रहे हैं.

न्यू टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स स्लैब

इनकम टैक्स स्लैब (रुपए में)इनकम टैक्स रेट (%)
0-4,00,0000
4,00,001-8,00,0005
8,00,001-12,00,00010
12,00,001-16,00,00015
16,00,001-20,00,00020
20,00,001-24,00,00025
24,00,001 and above30

न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन

न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक की इनकम के ऊपर सरकार कोई टैक्स नहीं ले रही है. साथ ही सैलरी बेस्ड लोगों को न्यू टैक्स रिजीम में 75 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलता है, ऐसे में जो लोग FY 2025- 26 में न्यू टैक्स रिजीम का चुनाव करते हैं. उन्हें 12.75 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. वहीं जिन लोगों की सालाना सैलरी 20 से 24 लाख रुपए के बीच में है, उनके लिए न्यू टैक्स रिजीम में नया स्लैब आया है, जिसमें 25 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है. ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब

TDS लिमिट की सीमा बढ़ी

  • क्या बदलाव हुआ है: कुछ भुगतानों पर TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) की सीमा को बढ़ाया गया है.
  • रेंट से होने वाली इनकम पर TDS छूट दोगुनी : रेंट से होने वाली इनकम पर TDS की सीमा 2.4 लाख से बढ़कर 6 लाख रुपए हो गई है.
  • वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज आय पर छूट दोगुनी : बैंक FD से ब्याज आय अर्जित करने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए TDS सीमा 50 हजार से बढ़कर 1 लाख रुपए हो गई है.
  • प्रोफेशनल सर्विस पर TDS सीमा में बढ़ोतरी: प्रोफेशनल सर्विस पर TDS की सीमा अब 30 हजार से बढ़कर 50 हजार रुपए हो गई है.
  • असर क्या होगा: इससे कम आय वाले व्यक्तियों पर TDS का बोझ कम होगा और नकदी प्रवाह में सुधार होगा.
आय सीमा (₹)कर दर (%)
2,50,000 तकशून्य (कोई कर नहीं)
2,50,001 – 5,00,0005%
5,00,001 – 10,00,00020%
10,00,000 से अधिक30%

ओल्ड टैक्स रिजीम अब किसके लिए फायदेमंद?

बजट 2025 में ओल्ड रिजीम के स्लैब या छूट में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया था. जिसमें 2.5 लाख तक की आय टैक्स-फ्री, और उसके बाद 5%, 20%, और 30% के स्लैब लागू होंगे, डिडक्शन जैसे 80C (1.5 लाख), 80D (25,000-50,000), और होम लोन ब्याज (2 लाख तक) उपलब्ध रहेंगे. अगर आप HRA, होम लोन, या बड़े निवेश का लाभ लेते हैं, तो ओल्ड रिजीम अभी भी लाभदायक हो सकता है. अगर आप किराये पर रहते हैं, होम लोन चुकाते हैं, या बड़े मेडिकल खर्च उठाते हैं, तो फिल ओल्ड टैक्स रिजीम के बारे में सोच सकते हैं.

अगर आपकी आय 15 लाख से ज़्यादा है और आप डिडक्शन का लाभ लेते हैं, तो ओल्ड रिजीम में टैक्स कम हो सकता है. न्यू रिजीम में टैक्स स्लैब भले कम हों, लेकिन छूट न मिलने से कुल टैक्स बढ़ सकता है. निवेशक को अपनी आय, खर्च, और निवेश के आधार पर दोनों की तुलना करके सही विकल्प चुनें.

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